Tuesday, April 28, 2015

हमें प्रिय -सम्मान हमारा


हमें प्रिय -सम्मान हमारा
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सब तरफ एक सी ही ललचाई दृष्टि
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घर से निकल ,राह में कदम बढ़ाने पर
आँखों के तीरों से छलनी कर दी जाएगी

फ़िल्मी गाने प्रयोगों से शीला-चमेली कह
कानों पर अश्लीलता बरसाई जायेगी

बस -ट्रेन से यात्रा में चलते -उतरते वह
जगह न होने के बहाने रगड़ दी जायेगी

कॉलेज में पढ़ना पुरानी फैशन अब वहाँ 
गर्लफ्रेंड बन सकती, क्या? परखी जायेगी

हर जगह लड़के तुले बिगाड़ने ,विवाह को 
कन्या आदर्श से तुलना कर देखी जायेगी 

पुरुष हमारे भाई - चाचा , क्यों ?
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हालात विषम विपरीत हमें  देकर ,हम पर 
तुम दुष्टता कर के , मर्दानगी जतलाते हो

हमें प्रिय - सम्मान हमारा
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आदर्श गर प्यारा तुम्हें, बनाने में सहायक हो
छेड़ो नहीं , छेड़छाड़ रोकने में तुम सहायक हो
न गुनगुनाओ भद्दे गाने , इन्हें फ्लॉप कर दो
हमें प्रिय सम्मान हमारा ,यह गरिमा बचने दो
--राजेश जैन
29-04-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

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