Sunday, April 19, 2015

पुरुष -नारी समानता

पुरुष -नारी समानता
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अपना आलोचक हो आज एक काव्यात्मक समालोचना प्रस्तुत कर रहा हूँ --
भाई राजेश , तुम रूढ़िवादी हो। मनुष्य के परिवार में रहने के पक्षपाती हो। तुम्हें ज्ञात है , परिवार में होने से कितनी ही मर्यादायें ,सीमायें और बंधन सहने होते हैं ? तुम पर सिलसिलेवार आरोपों की पूरी निम्न-लिखित एक लिस्ट है
1. उसे नाम नारी चेतना को देते हो
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तुम , पुरुष पर दोषारोपण रखते हो
नारी की दुर्दशा पुरुष पर थोपते हो
स्वयं को जो पसंद नारी को करने के
नितदिन तुम मुफ्त परामर्श देते हो 
2. अंध-परिवारवादी
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लगता है , परिवार में जन्मे तुम हो
इसलिए , परिवार अपना चलाते हो
परिवार में जन्मे उसमें बिताया जीवन
परिवार से अलग कुछ न देख पाते हो
3. रूढ़िवादी सोच
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जितने आक्षेप ,पुरुषों पर तुम्हारे हैं
जितने परामर्श ,नारी को तुम्हारे हैं
वे सब तुम्हारे परिवार की दी गई
रूढ़िवादी सोच से ही दुष्प्रभावित हैं।
 4. क्या वह जीवन जीना होता है?
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तुम अपना जीवन स्वयं व्यर्थ करते हो
लेखनी से ऐसे ही व्यर्थ करने लिखते हो
त्याग -सहनशीलता की भ्रामक सीख देकर ,
जीने कहते दूसरों को ,जिसे जीना कहते हो

5. तुम नहीं जानते मजा
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तुमने पब में डाँस न कर देखा है
तुमने शराब नशा नहीं जाना है
दस गर्लफ्रेंड रखने का क्या होता
मजा तुम्हारे लिए ये अनजाना है
6. पति -पत्नी -असहनीय बंधन
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परिवार में बंध पत्नी ,पति को
और पति , पत्नी को झेलते हैं
इतनी कविता -जोक्स बनीं हैं
तुम्हारी नज़रों को न दिखते हैं ?
७. तुम न बरगलाओ
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लिख लिख नई पीढ़ी को तुम न बरगलाओ
जबरन प्रभावित कर अपना सा न बनाओ
साथ साथ जोड़े में उन्हें पीने -डाँस करने दो
विवाहित या अविवाहित वह इतर रहने दो
8. निराले अंदाज , तुम नहीं जानते
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चरित्र वरित्र कोई बात होती है ?
जानवरों में ऐसे रिवाज होते हैं ?
जब तक जीते स्वछंद होते हैं
जीने के निराले अंदाज होते हैं
9. बच्चा स्वयं  बड़ा होगा
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करना होगा जब करेंगे शादी हम
लड़ना होगा आपस में लडेंगे हम
साथ रहेंगे या तलाक ले लेंगे हम
बच्चा हुआ तो भी बड़ा होगा स्वयं 
10. पसंद अपनी अपनी
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अपना ज्ञान सुनो राजेश तुम
रखो स्वयं अपने पास तुम
जिसको पसंद रात भर जागेगा
जिसे पसंद नशा कर नाचेगा
11. नई पीढ़ी -नई बात
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आपस में हमारी छेड़छाड़ होगी
पसंद जिसे वह लड़की साथ होगी
नहीं पसंद वह हमसे बच लेगी
नई पीढ़ी में अब नई बात होगी
12. पुरुष -नारी समानता
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समानता नारी को चाहिए ना ?
हम पुरुष -नारी समान हो रहे हैं
मजे में साथ ,समान हो रहे हैं
तुम पिछड़े हम एडवांस हो रहे हैं
--राजेश जैन
19-04-2105
https://www.facebook.com/narichetnasamman

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