Sunday, June 9, 2013

नारी सहयोग का दिखता सिस्टम अभी दोषपूर्ण

नारी सहयोग का दिखता सिस्टम अभी दोषपूर्ण 
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भारतीय नारी ,समाज और परिवार का आधार स्तम्भ रही है . यह अपना गुण चिरकाल  से नारी ने सिध्द किया है . पिछली सदी से जब उन परिस्थितियों में जबकि उसे यथोचित सम्मान का अभाव देखना पड़ता था से निबटने के लिए माँ-पिता के सहयोग और आशीर्वाद से उसने स्वावलंबी बनने की दिशा में प्रयास आरम्भ किये . वह यह भी सफलता से सिध्द कर रही है कि वह पढ़ने ,धन-अर्जन और समाज को इस तरह के पात्र रूप में भी सही आधार दे सकती है .

दूरदर्शन पर इस तरह के कार्यक्रम मै कम देखता हूँ पर पिछले दो दिनों मैंने सुपर -माम कार्यक्रम देखा इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से विवाहिताएं और बच्चों की माताओं ने अपने नृत्य के माध्यम से स्वयं को सिध्द करने की उत्कंठा प्रदर्शित की . मै थोडा अलग विचार रखता हूँ .किन्तु उनकी स्वयं को सिध्द करने की उत्कंठा का प्रदर्शन देख मुझे भी उनकी प्रशंसा के भाव आये .

ऐसा समाज जिसमे नारी किसी भी परिस्थिति में अपने सम्मान ,जीवन ,अपनी संतान और परिवार की रक्षा में सक्षम बने मेरा महत्वाकांक्षी स्वप्न है . और इस तरह जब नारी कुछ कर दिखाना चाहती है तब मुझ में अपने तरफ से सहयोग की भावना भी प्रबल होती है .

इसी भावना के कारण में नारी को एक सलाह अवश्य फिर देना चाहता हूँ ...
जब आप दूरदर्शन या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कदम बढाती हैं तो सतर्कता अवश्य रखें .फिल्म ,दूरदर्शन और मॉडलिंग की दुनिया में सफलता के कुछ उदाहरण हम सभी देखते हैं . जिस से प्रभावित हो युवतियां जब इनमे स्वयं कुछ बनने और करने मुंबई और ऐसे ही स्थानों पर पहुँचती हैं तो वहां बहुत ही नारी शोषण के तत्व सक्रिय मिलते हैं .जो तरह -तरह के प्रलोभनों के साथ कई रूप में छुपे या खुले घूमते हैं . जिनका एकमात्र उद्देश्य नारी देह से खेलना और ऐसे ही दूसरों को इस रूप में नारी को उपलब्ध करा उनका कृपा पात्र बनना होता है . ऐसी शोषित और असफल नारी के किस्से सफल से हजारों गुना तक ज्यादा होते हुए चर्चित बहुत कम होते हैं . यह भी एक नारी विवशता है . जो शोषण के बाद भी चुप रहने को बाध्य करती है  .

नारी को यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए की कुछ पाने की उत्सुकता और उत्कंठा उसे घर से बाहर लेकर आई है सर्वस्व खोने के लिए नहीं .
ऐसे में इस प्रकार शोषण का जहाँ भी कुछ आभास मिलता है वह शोषक चाहे ही उसका फेवरेट ही क्यों ना रहा हो उसका भरपूर प्रतिरोध करे . इस तरह से वह स्वयं अपना बचाव तो वह करेगी ही . ऐसे देह-भूखों के हौसले पस्त कर आने वाली अन्य लड़कियों और युवतियों का भी बचाव कर सकेगी ..

नारी को सहयोग का दिखता सिस्टम अभी कितना दोष पूर्ण है इस बात से साबित होता है कि लड़कियों के छात्रावास में छिपे कैमरे तक के समाचार हमें देखने मिलते हैं .
दुनिया आधुनिक हुई है तो नारी को छलने के ढंग भी आधुनिक हुए हैं .

आप नारी हैं तो मेरी शुभकामनायें बढ़ें आप उन्नति पथ पर लेकिन सतर्कता साहस और सम्पूर्ण भारतीय नारी गरिमा का साथ लेकर ...

--राजेश जैन     

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