Monday, June 24, 2013

देशवासी कुशल रहें

देशवासी कुशल रहें 
---------------------
नित प्रभात भ्रमण में उत्पन्न विचार या दृश्य ,घटनाएँ अक्सर मेरी पोस्ट (लेखन ) का विषय बन जाता है .नित्य की  तरह आज भ्रमण से सपत्निक में लौट रहा था .तब एक कार और बाइक की रोड पर भिडंत हो गई . कार एक युवती चला रहा थी .जिसमे साथ उनके 2 बच्चे (प्राइमरी क्लास के ) थे जबकि बाइक पर आर्मी का युवक था . हम रोड के दूसरे साइड थे और एक्सीडेंट को बीच में बस निकलने के बाद देख पाए थे . अतः गलती किसकी हुई थी ज्ञात नहीं था .
युवती सरल थी इसलिए टक्कर के बाद गाड़ी रोक कर कार से उतर कर आ गई थी . मैंने दौड़ कर गिरी बाइक और युवक को उठाया . मेरी पत्नी और मै उठकर खड़े होते युवक से यह पूछ रहे थे कि उसे कोई चोट तो नहीं आई . उसके मुख पर जो भाव थे वे क्रोध और छोटी चोट से उपजी पीड़ा के थे .
युवती और युवक एक दूसरे की गलती बता रहे थे .इस बीच कुछ और लोग रूक गए थे . कार में बच्चे माँ को विपत्ति में देख सहमे बैठे थे .
युवती जल्दी रवाना होना चाहती थी . जबकि युवक उससे उलझने की मुद्रा में आ गया था . युवक की गाडी को क्षति  और चोट मामूली देख , बीच बचाव कर मैंने युवती को जाने का मार्ग प्रशस्त किया . और युवक की पीठ पर हाथ रख उसे ज्यादा चोट नहीं आई इस बात की सात्वना भी दी . वह गुस्से में था शायद मुझ पर भी गुस्सा था . जो मैंने युवती को निकल जाने दिया था .

युवती तो जा चुकी थी रूक गए लोगों में से एक ने  मुझे यह कहा आपने ठीक नहीं किया . युवती के जगह ये और युवक की जगह युवती होते तो युवती इन्हें जेल पहुंचवा देती . इन्हें कार चलाना आता नहीं है . और कार पकड़ा दी जाती है .

यह कहते हुए कि ख़ुशी इस बात की है ,इन्हें (युवक को ) ज्यादा चोट नहीं आई है और क्षमा कर इन्होंने परोपकार किया है . मै वहां से विदा हुआ .

सड़क से वह गाड़ी जल्दी ना हटती तो कुछ और लोग एकत्रित हो जाते . कुछ इस पक्ष और कुछ उस पक्ष से बोलकर आपसी सम्मान को ठेस लगाते और सड़क पर जाम लगता .

देश की सड़कें भीड़ भरी हैं . गाड़ियाँ जो लोग चला रहें हैं उनकी दक्षता अलग -अलग है . हमें सतर्क होकर गाड़ी चलाना चाहिये .रास्ते चलते लोग किसी ना किसी के आँख के तारे हैं . किसी घर के मुखिया (जिस पर परिवार आश्रित है ) हैं . किसी घर की सम्मानीय माँ, बहन या बेटी हैं . जो भी अप्रिय रोड पर घटित होता है उसे कम करने के लिए चलने- चलाने ,बचने बचाने में हमें ज्यादा से ज्यादा सावधानी रखनी चाहिए .
जिससे इन अपर्याप्त व्यवस्था ,कम दक्षता और और सही गलत -धारणाओं के बीच भी  हमारे अपने और देशवासी कुशल रहें और सबका सम्मान भी सुरक्षित रहे ..

(गलत धारणा -- बड़ी गाडी में कोई है तो एक्सीडेंट में गलती उसकी ही होती है और नारियों को कार चलाना आता ही नहीं है ,गाडी दे दी जाती है )


No comments:

Post a Comment