जिंदगी अनुपम सी
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जीवन कहानी दर्दनाक सी
जिसे समझते अपनी ही
ये यथार्थ, नहीं सपनों सी
सबके जीवन में होती है
जीवन नहीं सरल यात्रा
उबड़ खाबड़ अनेक, पथ में
समस्त संघर्ष के बाद भी
आ जाती मुस्कान मुख पे
इसमें माने दुखी अपने को
तो नहीं कोई दुखी हमसा
मानने की बात है भैय्या
माने तो नहीं सुखी
हम जैसाजिसे समझते अपनी ही
ये यथार्थ, नहीं सपनों सी
सबके जीवन में होती है
जीवन नहीं सरल यात्रा
उबड़ खाबड़ अनेक, पथ में
समस्त संघर्ष के बाद भी
आ जाती मुस्कान मुख पे
इसमें माने दुखी अपने को
तो नहीं कोई दुखी हमसा
मानने की बात है भैय्या
माने तो नहीं सुखी
सुबह शाम तो नित होगी
हँसे या हम रो लेवें
नहीं मिला उसे ना देखें
मिले का सुख अनुभव कर
लगेगी जिंदगी अनुपम सी
जीवन कथा निराली ऐसी
--राजेश जैन
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