Monday, May 27, 2013

चलन (Fashion)

चलन (Fashion) 
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चलन ,आज कल पुराना पड़ जाता है

नया आता तब पुराना चला जाता है

नये आने और पुराने के चले जाने का

प्राचीन काल से चलन चलता आया है



चलन परस्पर सौहाद्र और स्नेह का

पुराना पड़ समाज से जब जा रहा था

सज्जन सरल शांत मानव व्यथित था

बदलाव के चलन से तब आशान्वित था


धन पीछे आज की अंधी दौड़ का चलन

नया होने से वह आज सब पर छाया है

कल पुराना पड़ वह निश्चित ही बदलेगा

मानवता पुनर्जीवित तब समाजहित होगा


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