Sunday, May 12, 2013

मानवता दूत (चिकित्सक)

मानवता दूत (चिकित्सक)
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समाज समस्याओं में घिरा देखकर 
मानवता ने  चिंतित होकर 
निर्णय किया साक्षात्कार लेने का
किन्हें बुलाया जाए विचार किया गंभीर होकर 
तब मानवता ने सूची बनाई 
सृजन  संभावनाशील प्रब्दुध्दों  की
जिनमें से नियुक्त किये जा सकें 
मानवता दूत समाजहित के लिए

3. चिकित्सक
बाद साक्षात्कार वैज्ञानिक एवं साहित्यकार  के 
अगले उम्मीदवार 
मानवता के समक्ष अब चिकित्सक थे
चिकित्सक से 
मानवता बोली 
भगवान की कृति मानव है
तुम भी ऐसे 
ही मानव  हो

भगवान ने मानव बनाकर
जीवन रक्षा का भार तुम्हें  सौपां है
चिकित्सक ने हामी भरने सर हिलाया
मानवता ने रखा कहना जारी
चिकित्सक तुम दायित्व से न्याय नहीं कर रहे हो
धन जिनके पास कम है सेवा से उनकी बच रहे हो
चिकित्सक ने उत्तर दिया
उधार लेकर अस्पताल में अपने
रोग निवारण के 
साधन एकत्र किये हैं
हमें लिया कर्ज चुकाना है
हम नहीं दे सकते सेवा वह

जिसका शुल्क हमें नहीं मिलता है 

मानवता ने असहमति से 
फिर कहा दुखी स्वर में चिकित्सक से
कर्ज चुकाने जितना बहुत है
तुम जुटा रहे उससे अधिक हो
वैभव विलासिता के लालची होकर
सौंपा भगवान ने स्वयं तुमको 
दिया दायित्व  नहीं तुम निभा रहे हो
चिकित्सक के चेहरे पर तब 
सुनकर भ्रम के भाव उमड़े 
उत्तर नहीं उसे सूझा कुछ 
मानवता ने पूछा ना फिर कुछ 
कहा कर सको सुधार तो 
दुखियों की सेवा बढ़ाना 

कम शुल्क में जीवन ना चले तो 
मेरे समक्ष फिर आ चर्चा करना 

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