मानवता दूत (वैज्ञानिक)
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समाज समस्याओं में घिरा देखकर
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समाज समस्याओं में घिरा देखकर
मानवता ने चिंतित होकर
निर्णय किया साक्षात्कार लेने का
किन्हें बुलाया जाए किया विचार गंभीर होकर
किन्हें बुलाया जाए किया विचार गंभीर होकर
तब मानवता ने सूची बनाई
सृजन संभावनाशील प्रब्दुध्दों की
जिनमें से नियुक्त किये जा सकें
मानवता दूत समाजहित के लिए
1. वैज्ञानिक....
दिवस आने पर साक्षात्कार आरम्भ किया गया
सर्वप्रथम बुलाया वैज्ञानिक को
पूंछा , क्या तुम्हें ना दिखता
निर्मित साधन उपयोग अतिरेक
सुविधा निमित्त साधन तुम्हारे
नहीं प्रमाणित हो रहे मनुष्य भलाई के
सुनकर वैज्ञानिक पहुंचा विचार मुद्रा में
कहने लगा अंततः सोचकर
दिए जो साधन हमने वे हैं
मनुष्य जीवन सरलता लक्ष्य से
यद्यपि कितना प्रयोग में लाना
यह छोड़ा है मानव विवेक पर हमने
मानवता ने सुनकर उत्तर
किया उनसे प्रश्न अगला
दुरुप्रयोग जब लगातार हो रहा था
फिर तुमने क्यों नहीं लगाया नियंत्रण
जहाँ सिध्द होता अहितकारी साधन
वह स्वतः ही नष्ट हो जाता
सिर हिला वैज्ञानिक बोला
ऐसे नियंत्रण का अब आविष्कार करूँगा
ज्यों ही होगा प्रयोग अहितकारी
साधन स्वतः मिट्टी बन जाएगा
उत्तर से वैज्ञानिक के संतुष्ट हो मानवता ने
विदा किया उसे धन्यवाद देकर
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