Monday, May 6, 2013

जीवन आधार फिर सच रखेंगे



जीवन आधार फिर सच रखेंगे 
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सच तो कहे, बिन कहे भी हमेशा ही सच रहता है
झूठ हजार बार कहा जाये तब सच सा लगता है

सच जितना झुठलाया जाये जीत उसी की होती है 
झूठ से छलने के यत्न में स्वयं ठगा रह जाता है 

अनेकों बार इतिहास बना विजय सच की होती है 
लेकिन ना जाने क्यों लोग झूठे हथकंडे अपनाते है 

आज तो झूठे हथकंडो की सर्वत्र हद पार हो रही है 
सच की लेकर शपथ निर्लज्ज झूठ अब कहते हैं 

मिलावटी वस्तु व्यापार के युग में हर बात झूठी है 
फिर कहाँ सच बचा अब सच भी अब मिलावटी है 

पूरा जीवन झूठ बुनियाद पर जी लेते हैं लेकिन   
मौत पर राम नाम सत्य की बात अभी सच्ची है 

किन्तु क्या मौत पर ही सच को हम सच जानेंगे 
या बदलेंगे ये झूठ जीवन आधार फिर सच रखेंगे 

राजेश जैन 
07-05-2013




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