Tuesday, February 13, 2018

जो लिखते हैं हमारी आँखों पे गजलें
उन्हें ही हम चाहें तो क्यों उदास रहें


पिछले वेलेंटाइन पर जिसे कहा था - 'वेलेंटाइन' आज उसे फिर कहना
अंतरंग संबंध की चाह में, बदल 'वेलेंटाइन' - कामुकता में तुम न बहना

मिसाल बनो - तुम मिसाल बनो - ऐसी तुम मिसाल बनो
देख तुम्हें ज़ुल्म करना भूलें सब - ऐसी तुम मिसाल बनो

इंसान बनो - तुम इंसान बनो - ऐसे तुम इंसान बनो
तुम्हें देख - मोहब्बत छाये सबमें  - ऐसे तुम इंसान बनो

जिस वैलेंटाइन की याद में - फरेब की मिसालें क़ायम कर रहे तुम
याद रहे कि फ़रेब नहीं - वह मोहब्बत की मिसाल हुआ करता था

वैलेंटाइन - तुम कभी बन सकते हो , क्या ??
वह नफ़रत नहीं - मोहब्बत की मिसाल हुआ करता था

वैलेंटाइन से - आगे भी कुछ बन सकते हो , तुम
वह माशूका से करता था, तुम इंसानियत से - ग़र मोहब्बत करो

इंसानियत से - जो मोहब्बत होगी तुम्हें
माशूका खुद ब ख़ुद - तुम्हारी मोहब्बत पा जायेगी

तुम हो इस जहान में - ज़ेहन में अहसास ये काफी है
हमवक़्त गुजर रहे हैं साथ - ऐसी क़िस्मत ही काफी है

जीवन अनोखा - कभी किसी को मिलता नहीं
मान-प्रतिष्ठा और वैभव का - तनिक अंतर होता है


क्षणिक उन्माद या यौवन नहीं है प्यार कि चढ़ कि उतर जाए
प्यार वह ज़िंदगी है - एक बार मिली तो मरते तक निभ जाए


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