Thursday, February 1, 2018


हमें बयां करे ज़माना - ऐसा तो कुछ हममें नहीं
मगर ज़ब इंसानियत की बात हो - एक मिसाल हम भी हों

सदा दी आकर क़रीब - जब भी किसी ने , हमें
हासिल की हसरत , हमसे उसे - सिर्फ अपने लिए थी

हमने जब समझा - चाहता हर कोई हमसे ,अपने लिये ही है
लाये तो साथ कुछ न थे - प्यार देने में हमने हर्ज़ नहीं समझा

दिया प्यार तो लौट - वापिस प्यार ही आया
नफ़रत के बदले हमने - वापिस प्यार नहीं पाया

अपना बनाने की हसरत में - दिन रात एक कर देते हैं
नामालूम मगर अपने होते ही - हमें भुला क्यों देते हैं


कायरता से मासूमों पर वार करना - इंसानियत नहीं होती
अपनी आश्रिता पर मारपीट करना - कभी मर्दानगी नहीं होती

मुखड़े पर तुम्हारे तिल - यूँ तो खूबसूरत है
हृदय में तुम्हारे प्यार - ज्यादा खूबसूरत है

सीने में रख ही अपने - हम-तुम चले जायेंगे
सीने में ही रहना है - तो उचित प्यार रखना होगा


सीने में नफ़रत रख देखी - सीने को जलाती है
प्यार रखा हमने - खुशियों का प्रवाह अनुभूत हुआ

सूरत तो तेरी बहुत ख़ूबसूरत है , मगर
सीरत तेरी अच्छी - जिससे तू ,मुझे प्यारा है





 

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