बहाने हैं सब - अपने दिल को बहलाने के
वरना
शिद्दत से चाहा ही कब कि - बेमिसाल कुछ कर लेते
'जी' खुद की ख़ुशी जब हमने - तो हमें एक अपराध बोध ने कचोटा है
जब औरों की खुशियों के निमित्त हुए - तो ख़ुशी के इंतहा को समझा है
पहले समझते रहे कि अपने जीवन को ये आकार दिया , हमने
औरों के योगदान को समझा तब जीवन साकार किया , हमने
नाम चलने पर - कंफ्यूज नहीं होना तुम कि
रिवाज़ बरगला के - मासूमों को छलने के हैं
देखो बसंत ऋतू के - हसीं फूलदार पौधों का हश्र
लोग बगिया अपनी सजाने - गर्मी में उखाड़ फेंकेंगे
मंसूबे उनके पूरे होने में - जब तक साधन हो तुम
तारीफ़ तुम्हारी वे गायेंगे - बाद ज़िंदगी की मुसीबतों को झेलने के लिए - तन्हा तुम्हें वे कर जायेंगे
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