Saturday, February 3, 2018

महफ़िल यूँ ही सजती रहेंगी - मेरे जाने के बाद
होंगे बहुत उनमें - पर तुम हमें फिर ना पाओगे

यह तो तय है कि - आया हर , कभी चला जाएगा
मगर आदर्श - मेरा व्यक्तित्व , तुम्हें याद दिलाएगा

कुछ आदर्शों पर चलते - वे भली जीवन राह बनाते हैं
सड़कें तो - इंजीनियर-मजदूर भी बना दिया करते हैं

चाहे आज छोड़ रहा जमाना - सद्-मार्ग पर चलना
मानव अस्तित्व बचाने - सद्-मार्ग पर उसे लौटना होगा

ज़िंदगी मिली - सफ़र तुझे भी तय करना होगा
इंसानियत पसंद तो - इक मिसाल बनना होगा

चलते चलते - इकदिन तो हमें भी थक जाना है
बैठ पीछे देखें तो - तय मुक़ाम भले देखना होगा

जब लौट दुनिया में वापिस तुम आओगे
यह पहचान फिर न वापिस तुम पाओगे -
भली पहचान रख दुनिया छोड़ना होगा

ऐब ए यार तो - ज़माने की दी-ली चीज है
अपनी मोहब्बत से हम - उनके ऐब दूर कर देंगे

किनारों के बीच - बह चलो साथ मिल के
नारी-पुरुष किनारे नहीं - एक प्रवाह होते हैं

नफ़रत रखी , जिसने दिल दुखाया - वह ज़िंदगी समझ ना पाया है
प्यार रखा - औरों के दिल जीते - उसने लुफ़्त ज़िंदगी का उठाया है




 

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