Wednesday, July 29, 2015

अंतिम यात्रा पर आज वे ,श्रध्दांजलि उन्हें अर्पित करें

अंतिम यात्रा पर आज वे ,श्रध्दांजलि उन्हें अर्पित करें
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जमीन को सौंपें , अपनी पीढ़ी के शीर्ष पुरुष को हम
शीर्ष कर्म ,विचार ,प्रेरणायें उनकी, ना जमींदोज करें

अंतिम यात्रा पर आज वे ,श्रध्दांजलि उन्हें अर्पित करें
समाज दायित्व निभाने को ,जीवन भर उन्हें याद रखें

राष्ट्र नेतृत्व करते हुए , कर्तव्य बोध कराया करते थे
युवा मार्गदर्शन देने हेतु ,छात्रों के बीच जाया करते थे

ज्ञान का जीवन में महत्व ,यही गीत वे गाया करते थे
बड़े सपनों से सार्थक जीवन ,यह संदेश दिया करते थे

आडंबर ना करते ,वे सादगीपूर्ण जीवन जिया करते थे
राष्ट्र सृजन प्रति सजग ,वे मजबूती इसे दिया करते थे

मद्य सेवन नहीं करते थे ,शाकाहार वे लिया करते थे
मनुष्य सहित वे ,मवेशियों से भी प्यार किया करते थे

देखो अपने आचरण से वे सर्वधर्म आदर किया करते थे
नारी प्रगति पक्षधर वे, नारी को सम्मान दिया करते थे

पर्यावरण की आवश्यकता वे, प्रतिपादित किया करते थे
वृक्षारोपण के प्रति वे ,सब को जागरूकता दिया करते थे

कर्मठता ,लगन से अपनी वे ,साधारण से असाधारण हुए
ऐसे महापुरुष की अंत्येष्टि पे ,अश्रुपूरित सबके नयन हुए

विनम्र श्रध्दांजलि कलाम साहब - सौभाग्य हम समकालीन रहे
--राजेश जैन
30-07-2015
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