Friday, July 10, 2015

नारी-बहन,बेटी


नारी-बहन,बेटी
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क्या दायित्व ले निकली नारी ?, अनभिज्ञ तुम होते हो
किन कठिनाई से जूझ रही वह? अनभिज्ञ तुम होते हो

क्या चुनीतियाँ उनके सम्मुख? अनभिज्ञ तुम होते हो
किन परेशानियों से घिरी वह? ,अनभिज्ञ तुम होते हो

किन दुःखों से लाचार हुई वह? ,अनभिज्ञ तुम होते हो
क्या सपने आँखों में ,नारी के? ,अनभिज्ञ तुम होते हो

अकेली मिली यदि वह बेचारी ,बुरी दृष्टि तुम रखते हो
ऐसी घिरी अपनी बहन-बेटी ,ना कल्पना तुम रखते हो
--राजेश जैन
11-07-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman


 

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