नारी मन -तस्वीर
--------------------
नारी तन पर लट्टू होकर ,अंग-प्रत्यंग तस्वीर ले ली तुमने
बुरी दृष्टि से झाँक-देखके ,अश्लील प्रदर्शित कर दी तुमने
नारी का मन भी होता ,समझने की कोशिश नहीं की तुमने
मनोवेदना-भावना क्या नारी की ,जानकारी नहीं की तुमने
मन की तस्वीर गर देख लेते ,हमें सुखी रख सुखी रहते तुम
रेप न करते ,ना ही लेते दहेज बलि ,नहीं मारते गर्भ में तुम
अपनी को कई वस्त्र परतों में , घर में सीमित ना करते तुम
पराई को नग्नता में ,मीडिया ,सिने ,नेट पर ना दिखाते तुम
--राजेश जैन
21-07-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman
--------------------
नारी तन पर लट्टू होकर ,अंग-प्रत्यंग तस्वीर ले ली तुमने
बुरी दृष्टि से झाँक-देखके ,अश्लील प्रदर्शित कर दी तुमने
नारी का मन भी होता ,समझने की कोशिश नहीं की तुमने
मनोवेदना-भावना क्या नारी की ,जानकारी नहीं की तुमने
मन की तस्वीर गर देख लेते ,हमें सुखी रख सुखी रहते तुम
रेप न करते ,ना ही लेते दहेज बलि ,नहीं मारते गर्भ में तुम
अपनी को कई वस्त्र परतों में , घर में सीमित ना करते तुम
पराई को नग्नता में ,मीडिया ,सिने ,नेट पर ना दिखाते तुम
--राजेश जैन
21-07-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman
No comments:
Post a Comment