Sunday, July 26, 2015

मिश्रित संस्कृति एवं नारी

मिश्रित संस्कृति एवं नारी
-----------------------------
बातें बना ऊँची ऊँची ,कई गर्लफ्रेंड बनाईं जाती हैं
विवाह की बारी आने पर ,सुशीलायें ढूँढी जाती हैं

फ़िल्मी प्रेम गीतों के झाँसों में ,वे फुसलाई जाती हैं
मासूम ,शायरी-गीतों में विश्वसुंदरी बताई जाती हैं

बीतते दिन सैर सपाटों में ,कुछ पब होटलों में, फिर
ऊबने पर ,दूध में मक्खी की तरह अलग की जाती हैं 

नारी ,आश्रिता तो शोषित ,स्वावलंबी तब भी शोषित
चेतना ला नारी में , नारी दुर्गति कुरीत बदलनी होगी
--राजेश जैन
27-07-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman 

No comments:

Post a Comment