Thursday, July 2, 2015

मैं नारी (माँ) हूँ -पुत्र कृत्यों से ग्लानि है

मैं नारी (माँ) हूँ -पुत्र कृत्यों से ग्लानि है
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सुंदर कहलाने की अभिलाषा ,सहज तुम जैसी ही मेरी होती है
सुंदर-सुंदर कह लिखे ,अश्लील कथनों से ग्लानि मुझे होती है

अच्छी दिखती हूँ मैं जिनमें ,जब अपनी वे तस्वीरें सजाती हूँ
प्रतिउत्तर में अश्लील तस्वीरों से इनबॉक्स भर गया पाती हूँ

जिन रूपों में बहन ,बेटियों की कल्पना से ग्लानि तुम्हें होती है
उन शोषित रूपों में ,अन्य की बेटियों से वेबसाइट अटी होती है
माँ ,नारी भूल के तुमने ग्लानि के दृश्यों में कामावेग बढ़ाया है
क्षमा ना करेगा इतिहास ,सभ्यता का तुमने यह रूप बनाया है
--राजेश जैन
02-07-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

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