Tuesday, September 2, 2014

सूचना (प्रसारण) क्रांति लानी है

सूचना (प्रसारण) क्रांति लानी है
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टीवी की एक समाचार चैनल कल रात्रि , पिछली सदी के 2 फ़िल्मी कलाकारों की प्रेम कहानी दिखा रही थी। दोनों ही आज जीवित नहीं हैं। ना ही उन्होंने विवाह ही किया था। ऐसे ख़त्म हो चुके प्रेम प्रसंग को उघाड़कर (अपनी कपोल कल्पनायें जोड़कर ) दर्शकों के समक्ष लाकर मालूम नहीं कौनसी समाज हित की प्रेरणा यह चैनल देना चाहती थी ( लेखक ने शीर्षक देख कर... देखने पर समय व्यर्थ करना ठीक नहीं समझा )

जब समस्याओं और बुराईयों से देश और समाज व्यथित है। तब आधुनिक मीडिया ज्यादा उचित होगा ,अपना और दर्शक का समय उन प्रसारण पर केंद्रित करे जो इन्हें कम करने में सहायक हों और दर्शकों को परिवार ,समाज ,देश और मानवता के प्रति ज्यादा जिम्मेदार बनने की प्रेरणा देते हों ।

उल्लेखित तरह के प्रेम प्रसंग से तो दर्शक अवैध विवाहेत्तर प्रेम संबंधों को ही दुष्प्रेरित होगा , जो संस्कृति ,और संविधान सम्मत भी नहीं है। और इस बुराई में फँस अनेकों का जीवन नर्क बन रहा है।

दिन भर माध्यमों पर बकबक ,अश्लीलता के प्रसारण , लेख तथा उल्लेख, समाज में आडम्बर ,ऐय्याशी की प्रवृत्ति और व्यभिचार को ही बढ़ावा देते हैं तो आधुनिक माध्यमों के उपयोग ( प्रस्तुतक , श्रोता और दर्शक ) की शैली पर प्रश्नचिन्ह लगता है। दोषपूर्ण प्रस्तुतियां अधिक जिम्मेदार मानी जायेगी।

आवश्यकता है उन्नत और आधुनिक हुये माध्यमों की विश्वहित ,देशहित ,समाजहित और मानवता हित में प्रयोग और उपयोग की है। जो समाज में सुख -शांति , परस्पर विश्वास और भाईचारा को प्रवाहित कर सके।

आज की हमारी पीढ़ी को यह सूचना (प्रसारण) क्रांति लानी है। हमारा मनुष्य -जीवन दायित्व यही है।

राजेश जैन
01-09-2014

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