Sunday, July 7, 2013

सुरम्यता

सुरम्यता 
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रिज रोड जबलपुर में प्रातः/सांध्य कालीन भ्रमण के शौकीन कोई अगर पिछले आठ -नौ महीने के गेप के बाद अब जाए . तो एक स्थल देख अचंभित होगा .. उजड़ा भूमि खंड एक आज बहुत ही सुरम्य -नयनाभिराम दृश्य प्रस्तुत कर रहा है .. भ्रमण कर्ता उसमें सैर करते आनंदित हैं और स्वास्थ्य पुष्ट करते हैं .

कुछ भूखंड तो प्राकृतिक रूप से दुनिया में अपने नयनाभिरामी के लिए प्रसिध्द हैं .. जबकि कुछ स्थल विकसित कर सुरम्य बनाये गए हैं . और कुछ अब भी प्रतीक्षारत हैं कि कभी किसी को उनकी सुरम्यता निखारने का विचार आएगा जिस पर कार्य कर वे भी अपनी सुरम्यता के लिए प्रख्यात और लोकप्रिय हों जावेंगे .

भूमि माटी निर्जीव वस्तु है अतः इस सुन्दर अपेक्षा पूर्ति के लिए मनुष्य या प्रकृति पर निर्भर है . किन्तु जीव तत्व वह भी मनुष्य इस अपेक्षा के लिए अन्य पर निर्भर नहीं है . वह चाहे तो स्वयं ही अपने आपको सुन्दर गुणों से परिपूर्ण विकसित कर सकता है . अगर यह सुन्दरता किसी में होती है तो वह स्वतः प्रतिष्ठित और लोकप्रिय होता है . चाहे यह सुन्दरता उसमे जन्म से प्रकट रूप में दर्शित भले ना होती हो .

वस्तुतः सभी मनुष्य में सद्गुणता जन्मजात होती है .. किसी का परिवेश ,संस्कार उसे बचपन से ही निखार देता है . पर इसके (यथोचित लालन पालन ) अभाव में जन्मजात यह सुन्दरता छिपी रहती है . कुछ को सत्संग ,सद्प्रेरणा और स्वतः आत्मिक अनूभूति से सद्विचार जीवन में  किसी समय आ जाता है . तब वह गुणों की सुन्दरता निखार अपना मनुष्य जीवन सार्थक कर मानवता को धन्य कर समाज हित का कार्य कर लेता है .

कुछ आजीवन दूसरे सब क्या करते हैं ...तथा थोथे आडम्बरों में सम्मोहित रहते .. उन्हें (आडम्बरों और अन्य  लोकप्रिय) को पुष्ट करने में जीवन बिता अपने जन्मजात प्रतिभा को यों ही अनुपयोगी छोड़ स्वयं से और मानवता के साथ ही अपने सामाजिक दायित्वों से छल करते हैं .

फिर भले समाज और युग उन्हें सफल माने अथवा नहीं स्वतः अपने को अच्छा और सफल बताते उसका ढिंढोरा पीटते /पिटवाते हैं .(मीडिया इत्यादि के सहारे से ) ...

यह तो तब इतिहास ही रह जाता है ... जो शायद ही इन व्यर्थ झांसो में आता है .. वह प्रतिष्ठित उसे ही करता है .. जो योग्य होता है .शेष तो भीड़ और भूतकाल की गहराई में कहीं लुप्त हो जाते हैं ..

खैर इतिहास को अपना काम करने दे पर अपनी जन्मजात प्रतिभा अनुरूप अपने सद्गुणों को हम निखार स्वयं को सुन्दर बनायें इस शुभ भावना सहित आज के लेख का विराम ...


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