Friday, July 12, 2013

समस्या बढाती नारियों के पथ में

समस्या बढाती नारियों के पथ में
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फेसबुक पर पोस्ट लाइक और कमेंट्स जो कथा कहते
साहित्यकार कवि ह्रदय व्याकुल हो आह ही कह सकते हैं

प्रकृति भ्रमण प्रेमी घर बैठे भ्रमण सुख अनुभूति करते
सौन्दर्य प्रेमी सुन्दर दृश्य लगा ,देख आनंदित हो जाते

दुर्लभ थी अश्लीलता वह सुलभ अनेकों राह भटक जाते हैं
अध्ययन से मन उचटता प्रतिभा नहीं पूरी निखार पाते हैं

विडंबना अनमोल रत्न जवाहर सा साहित्य फिंकता कूड़े में
काँच सा चमकता सौन्दर्य पसंद किया जाता है बहुतेरों में

सुन्दर दृश्य, तीर्थ अरुचि पर्यटन रूचि जन्माते है भक्तों में
अश्लीलता प्रदूषण फैला समस्या बढाती नारियों के पथ में

हुआ करता जो था ऊपर पाश्चात्य प्रभाव में हुआ अब नीचे
शीर्षासन कुछ समय किया जाये तब ही लाभकारी होता है

धारण करें जूते सिर पर और पैरों में पगड़ी तो ना शोभा देती
चलन मानवता अनुरूप समाजहित ही प्रगति ला सकती है
  
राजेश जैन 

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