अनुप्रास अलंकार (भलाई)
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भागम भाग के युग में भैय्या
भलाई भाषित हो रही बिरली
भलाई भावना यदि जो भैय्या
जो भाती ह्रदय को आपके
तब हम करते भले भजन
और लिखते भलाई भली-भांति
इससे होती भलाई जग की पर
इतनी भलाई है नाकाफी
भार जब उठाते जग भलाई का
भले लेख और भले वचनों के साथ
करें हम भले कर्म और आचरण भी
भलाई तब बनाये भला समाज
भला लगेगा तब भारत अपना
यात्रा होगी भली संपन्न
बच्चे पढें भली भांति हमारे
भरपेट भोजन सहज भरणपोषण
ना भागे भाई कोई भारत छोड़
जो भली आजीविका यहीं मिले
मन भावन भवन सबको और
भले सब तो भाता साथ यहीं मिले
भलाई भारत की पहचान रही है
भलाई इस माटी की गंध रही है
भला कार्य और भलाई प्रवर्तन
सब करें यही भली भावना
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