Tuesday, March 12, 2013

मेरी रचना

मेरी रचना
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 आभार माँ-पिता , निमित्त जो जन्म के तुम्हारे
संस्कार ,लाड़ और नाम जो दिया तुम्हारा रचना

देखा नहीं तुम्हें मैंने किन्तु नाम जब सुना रचना
... प्रभावित इससे हुआ मैं रूप देखने से पहले रचना

मेरे माँ -पिता की तुम बनी प्राण प्रिय बहु रचना
सद्बुध्दि ,भाग्य मेरा मै तुम्हे ब्याह लाया रचना

तुमने संवारा लाड़ ,संस्कार से बेटियों को रचना
जब मेरा ध्यान,समय रहा विभाग कार्यों में रचना

प्रेम ,सहयोग ,त्याग व समर्पण से तुम्हारे रचना
परिवार नैय्या चल रही कुशलता से अपनी रचना

हमें ना पता तुमसे अच्छी बहु ,पत्नी तुमसे रचना
मिलीं ,ना मिली किसी और भाग्यवान को रचना

कामना सब पायें बेहतर या तुमसी पत्नी रचना
जिससे बने खुशहाल परिवार और संस्कारी बच्चे

अनूकुलतायें और सहयोग से तुम्हारे प्रिय रचना
मै पा रहा प्रेरणा रचने कथा, लेख ,कविता रचना

आजीवन रहे आभार ह्रदय में मेरे,बच्चों के रचना
शुभकामनाएं हार्दिक तुम्हारे जन्मदिन पर रचना

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