Thursday, March 14, 2013

नारी तुम पड़ सकती हो सब पर भारी

नारी तुम पड़ सकती हो सब पर भारी
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नारी अगर तुम ना आओ प्रलोभनों में
अगर ना बनो किसी चरित्रहीन प्रशंसक
पढो अगर भव्य नारी रूप इतिहास से
नारी तुम पड़ सकती हो सब पर भारी

घर से निकलो शालीन और मर्यादा में
अवयस्क गर मानो माँ-बापू निर्देशों को
पढने व कार्यों में अपने ध्यान लगाओ
नारी तुम पड़ सकती हो सब पर भारी

नहीं कहता तुम ना बनो आधुनिका
उन्नति तुम्हारी बनने आधुनिका में
पर संस्कृति संतुलित आचरण करके
नारी तुम पड़ सकती हो सब पर भारी

नहीं हीन भारत में तुम जन्मी इसलिए
दृढ़ आत्मविश्वास यह मन में लाओ
आदर बड़ों का स्नेह छोटों को देकर
नारी तुम पड़ सकती हो सब पर भारी

नेतृत्व तुम करो पिछड़ी नारियों का
अंधविश्वास ,अंधश्रध्दा नारी मन से
निरर्थक मान्यता समाज से दूर हटाकर
नारी तुम पड़ सकती हो सब पर भारी

 

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