सच्चा सम्मान
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सम्मान कहा जाता उसे है , जो होता छोटों का बड़ों के प्रति
स्नेह भी एक सम्मान होता है , जो बड़े करते छोटों से अपने
परिवार और घर से निकलें तो हम करते गुरु का सम्मान
अपरिचित जो मुश्किलों में आते काम देते हम उन्हें सम्मान
मिलता सच्चा स्नेह हमें यदि भले अपरिचित भी कोई तो
बनते वे हमारे आदरणीय वे हम लौटाते हैं उन्हें सम्मान
नारी रखती क्षमता शिशु भार कोख में नौ माह झेलने का
भले ना माँ स्वयं की पर जननी है हम देते उन्हें सम्मान
कितने ही बड़े या उच्च पदस्थ हों ना भूलें करना सम्मान
बड़ा वैमनस्य भी दूर हो जाता है जब देते बैरी को सम्मान
प्रकट में करते पर छोड़ रहे पीठ पीछे हम करना सम्मान
मधुरता निश्चित होती वहां जहाँ रहता है सच्चा सम्मान
प्रतिक्रिया में भी कटुता आवे हम कर रहे थे यदि सम्मान
समझें संस्कार दोष रखें करुणा ,जारी रखें करना सम्मान
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सम्मान कहा जाता उसे है , जो होता छोटों का बड़ों के प्रति
स्नेह भी एक सम्मान होता है , जो बड़े करते छोटों से अपने
परिवार और घर से निकलें तो हम करते गुरु का सम्मान
अपरिचित जो मुश्किलों में आते काम देते हम उन्हें सम्मान
मिलता सच्चा स्नेह हमें यदि भले अपरिचित भी कोई तो
बनते वे हमारे आदरणीय वे हम लौटाते हैं उन्हें सम्मान
नारी रखती क्षमता शिशु भार कोख में नौ माह झेलने का
भले ना माँ स्वयं की पर जननी है हम देते उन्हें सम्मान
कितने ही बड़े या उच्च पदस्थ हों ना भूलें करना सम्मान
बड़ा वैमनस्य भी दूर हो जाता है जब देते बैरी को सम्मान
प्रकट में करते पर छोड़ रहे पीठ पीछे हम करना सम्मान
मधुरता निश्चित होती वहां जहाँ रहता है सच्चा सम्मान
प्रतिक्रिया में भी कटुता आवे हम कर रहे थे यदि सम्मान
समझें संस्कार दोष रखें करुणा ,जारी रखें करना सम्मान
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