Wednesday, February 4, 2015

I Love You

I Love You
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सर्वाधिक प्रयुक्त
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जिसे लिखना भी नहीं आता , जिनकी मातृभाषा इंग्लिश नहीं वे भी , और 4 -5 वर्ष के बच्चे से लेकर 85 -90 वर्ष के बूढ़े तक इस वाक्य का प्रयोग कर रहे हैं। आश्चर्य नहीं की अफ्रीकन फारेस्ट में कुछ जानवर भी ये सेंटेंस बोलने लग गए हों। तोते तो बोल ही रहे होंगे।
इनबॉक्स
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गर्ल्स इनबॉक्स में तो सैकड़ों द्वारा , हजारों बार , और सेल फोन पर sms द्वारा भी हजारों बार यह संदेश भेजा गया होगा। जो सुंदर और धनी होंगे , उन्हें अच्छा लगे या नहीं इससे भी ज्यादा लोगों ने इससे भी ज्यादा बार भेजा या यह कहा होगा।
झूठ
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कई बार जब यह कहा /लिखा गया है , तो हर बार यह झूठ तो नहीं होता। किन्तु समय के साथ यह झूठ बन जाता है। अपोजिट जेंडर के बीच एक सहज आकर्षण को 'लव' का नाम दिया जाने लगा है। जब ज्यादा आकर्षक कोई दूसरा मिल जाता है या समय निकलता है , तो एक के प्रति आकर्षण नहीं रह जाता है तब "I Love You" झूठ बन जाता है।
झाँसा
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झूठी कसमों और प्रलोभनों से कई किशोरियों /युवतियों को इस वाक्य के साथ इतना तक फाँस लिया जाता है कि वे घर-परिवार तक छोड़ चली जाती हैं। कई दैहिक शोषण की शिकार होती हैं। कुछ दुर्भाग्यशाली कॉलगर्ल /बारगर्ल बनने को विवश होती हैं। कुछ दुर्भाग्यशाली आत्महत्या करती हैं। कुछ की हत्या तक हो जाती है। इस वाक्य के झाँसों में कई अनमैच विवाह हो जाते हैं , जो साल -दो साल में टूट जाते हैं।
पढाई
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को -एड में पढ़ने वाले कुछ बच्चे शायद अब प्राइमरी से ही आपस में यह सेंटेंस प्रयोग करने लगे हैं। इस में अगर उलझे तो 100 % स्कोर कर सकने वाला बच्चा 60 -65 % तक स्कोर पर सिमट जाता है। IIT की योग्यता वाला , साधारण प्राइवेट कॉलेज तक पहुँच पाता है। और IAS /IPS आदि की योग्यता वाला , ऑपरेटर बना रह जाता है।
क्या है प्यार ?
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जिस सुंदर अनुभूति का नाम है , वास्तव में उसकी अभिव्यक्ति के लिये "I Love You" कहने /लिखने की अनिवार्यता नहीं होती। यह मूक प्राणियों तक में , बॉडी लैंग्वेज के द्वारा प्रदर्शित कर ली जाती है। दैहिक संबंध भी "I Love You" का शुध्द प्रयोजन नहीं होता। "I Love You" तो वह अनुभूति है , जिसमें अपेक्षा रहित (या बहुत कम अपेक्षा के साथ ) कोई एक ,दूसरे के लिए प्यार रखता है।  उसकी प्रगति उसकी ख़ुशी के लिये कार्य करता है। उसकी उन्नति और प्रसन्नता में अपने लिए प्रसन्नता अनुभव करता है। प्यार प्रेरणा है।  प्यार प्रगति है।  प्यार प्रवाह है। "दैहिक संबंध" अपेक्षा में सिमट जाये वह प्यार नहीं है। जीवन को नरक बना दे वह प्यार नहीं है। प्यार वह प्रसन्नता भी है , जो अपने प्यार को किसी और सहारे के साथ भी पनपते देखने पर मिलती है।
I Love You
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यह वाक्य धोखा सा बन रहा है।  सच्चे प्यार में "I Love You" प्रयोग न किया जाये। स्मरण रखें - प्यार बनाता है , जीवन उत्कर्ष पर पहुँचाता है , जीवन भर कायम रहता है और सम्मान दिलवाता है। जहाँ लेने का अभिप्राय छिपा होता है , वहाँ प्यार की शुध्दता शंकित हो जाती है। "I Love You" कहना -सुनना इसलिए सत्य ही हो , सम्भावना कम ही होती है।
प्यार प्रवाह जीवन बाद भी
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जीवन बाद भी प्रवाहित होता है वह प्यार है। पूर्वजों के लगाये फलदार /छायादार पेड़ प्यार की महिमा कहते हैं। प्यार पावन अनुभूति भी है , जिसके फलस्वरूप मनुष्य पाषाण काल की विपरीत परस्थितियों से आज की जीवन उन्नति तक की यात्रा कर सका है।
जीवन से करें प्यार
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प्यार से अपना जीवन निर्माण करें।  प्यार के छल से जीवन शापित न कर लें। जो छल जाए वह प्यार नहीं।  छलियों के झाँसे में आना छलियों की धूर्तता और अपनी मूर्खता है।  

--राजेश जैन
05-02-2015

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