Sunday, February 15, 2015

नारी का उठ गया विश्वास

नारी का उठ गया विश्वास
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माँ -पिता
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नारी माँ रूप में , पुरुष पिता पद में कितने ज्यादा आदर्श होते हैं। जिनके समक्ष जगत के पालनहार भी पिछड़ जाते हैं।
परोपकारी
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संतान के लिए स्वयं भूखे रह उनके उदर पोषण को लालायित रहते हैं।
अनुराग
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इतना , प्यार संतान से करते हैं कि उनके लिये अपनी जीवन महत्वाकांक्षाओं को तज , संतान की महत्वाकांक्षाओं को पुष्ट करते हैं , उनकी पूर्ती में अपना सुख ढूँढ़ते हैं.
किसके होते हैं ऐसे गुण
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लेखक की लेखनी उस सीमा तक बखान नहीं कर सकती जितने गुण माँ -पिता में होते हैं। और सुखद आश्चर्य , इसे कह सकते हैं कि लगभग हर मनुष्य माँ या पिता हो सकता है। अर्थात ऐसे गुण प्रत्येक मनुष्य में निहित होते हैं।
दुःखद है यह
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हर मनुष्य इतने उत्कृष्ट गुणों से वरदानित है , लेकिन जहाँ वह माँ -पिता नहीं वहाँ छलों की , दुर्गुणों की और दुर्व्यसनों की खान हो रहा है। संत वेश में छल रहा है , दादा -परदादा की उम्र में नाती -पोती/बेटी की उम्र की नारियों के तन से खेल रहा है। पत्रकार बन , बेटी की मित्र को प्रणय निवेदन पेश कर रहा है। सिनेमा में हीरो के पात्र अभिनीत करने वाले , पिता उम्र के हो गए हैं , लेकिन फैन हुई किशोरी उन्हें मिलें तो , विलेन की दृष्टि और नीयत रख उन्हें मिलता है। नाम लिख दिये जायें तो उनके फैंस , लेखक के जानी दुश्मन बन जायें।
नारी का उठ गया विश्वास
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ऐसे , जो इस पीढ़ी के युवाओं की प्रेरणा बन सकते थे , जो उन्हें और देश को उन्नति की दिशा दे सकते थे , उनके कुकृत्यों का भांडाफोड़ समय -समय पर हुआ। जिसने नारी का विश्वास , पुरुषों पर से उठा दिया।
छोड़ दें
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छोड़ दें , युवा इन ग्लैमरस ,छद्मवेशी और तथाकथित सफल लोगों की अंधश्रध्दा और फैन हो जाने की प्रवृत्ति को । ये, युवाओं का समय , देश का भविष्य और समाज का सौजन्य , सोहाद्र ख़राब कर रहे हैं /मिटा रहे हैं।
साधारण भले
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आत्मविश्वास स्वयं पर रखें , हम साधारण ही उनसे भले हैं , उतना छल नहीं करते , उतना देश और समाज का नुकसान नहीं करते।
प्रतिभा
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हम में प्रतिभा है , हममें ही वे उत्कृष्ट गुण हैं , जो हमें माँ या पिता रूप में जाते ही , ईश्वर से भी महान बना देते हैं।
उपयोग करें
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अपनी प्रतिभा का एवं अपने में निहित उत्कृष्ट इन गुणों का हम आत्मविश्वास से उपयोग करें . कोई और नहीं हम स्वयं ही अपना जीवन बना सकते हैं , अपना राष्ट्र और समाज बना सकते हैं।
नारी -पुरुष
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अपनी करनी से आज ही की पीढ़ी(Generation)  , खोया परस्पर विश्वास (Mutual trust ) बना सकती है , और नारी -पुरुष बीच छल का नहीं ,एक बेहद मधुरता का रिश्ता स्थापित कर सकती है .
-- राजेश जैन

16-02-2015

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