Tuesday, February 17, 2015

सॉफ्ट टॉरगेट

सॉफ्ट टॉरगेट
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दुर्भाग्य होता है , जब किसी परिवार का अर्निन्ग मेंबर , असमय छोड़ चला जाता है। तब निर्भर उनके परिजन , अबोध उम्र में , अल्प योग्यता और अल्प क्षमता के , सुरक्षा कवर के बिना , इस बड़ी और छली दुनिया में चुनौतियाँ झेलने विवश होते हैं।
सयुंक्त परिवार
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सयुंक्त परिवारों में ऐसी विपत्ति , तुलनात्मक रूप से कम कठिनाई से झेल ली जाती थी। लेकिन एकल परिवार में यह विपदा बन जाती है। विशेषकर बच्चे और नारी , असहाय हो समाज की बुरी नीयत और बुरी ताकतों के समक्ष होते हैं।
उदर पोषण
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परिवार की आर्थिक हालत ठीक रही हो तब बिगड़ने लगती है , और पहले ही ठीक न हो तो पेट भरने तक की समस्या हो जाती है।
पढाई - सँस्कार
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बच्चों की पढाई में व्यवधान संभावित हो जाता है। घर में सुरक्षा और मार्गदर्शन का अभाव होने से , अच्छे सँस्कार सुनिश्चित नहीं रह/ होने पाते हैं।
समाज -राष्ट्र
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उस समाज /राष्ट्र में जिनमें , ज्ञान और सँस्कारो की पर्याप्तता न हो , जीवन बुराइयों से अभिशप्त रहता है। जिन भाग्यशाली के पास ये अच्छे और पर्याप्त हों वे भी , प्रभावित रहते हैं , क्योंकि वे भी इन बुराइयों में ही घिर जाते हैं ।
उपाय
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ऐसे दुर्भाग्यशाली परिवार के , पढाई और अच्छे सँस्कारो की समस्या सिर्फ परिवार की नहीं , राष्ट्र /समाज की भी होती है। उन तक ज्ञान और सँस्कारो की सुलभता के समाज स्तर पर संगठन और राष्ट्र स्तर पर व्यापक योजना होने चाहिये , जो उनकी सहायता  सकें।
नारी और बच्चे
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नारी और बच्चों को अगर हम बुराइयों से बचा सकेंगे तो अप्रत्यक्ष रूप से हम स्वयं अपना ही भला करेंगे।  इसी समाज में हमें और हमारे बच्चों को जीवन यापन करना होता है।
समस्या
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हमारी नहीं प्रतीत होती /लगती , वास्तव में यह समस्या हमारी ही होती है।
--राजेश जैन
18-02-2015

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