Thursday, February 26, 2015

बहनें बेटियाँ

बहनें बेटियाँ
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भोग वस्तु सी नारी को मान कर 
अत्याचार नारियों पर किये इतने
कल्पना में जब बेटी पर होते देखे
बेटी जन्मने का साहस ही खो बैठे

छोडो गल्तियों पर गलतियाँ करना
सुधरो छोडो अब गलतियाँ करना
न तो ललचाओगे देखकर बहनें बेटियाँ
पछताओगे न मिलेगी शादी को कन्या 
--  राजेश जैन
26-02-2015

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