Thursday, February 12, 2015

वैलेंटाइन वीक और लेखक


वैलेंटाइन डे और लेखक
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वैलेंटाइन डे - भारत में लोकप्रिय होने और समझने के पहले , लेखक का विवाह हो गया ,अन्यथा लेखक भी शायद इस तरह से , जीवनसंगिनी की खोज करता।

वैलेंटाइन पर संभावित स्पाउस की खोज
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भारत में , विशेषकर इस उद्देश्य से इस प्रथा को न जाने  कितने फॉलो करते हैं ? और न जाने कितनों को उनके स्पाउस वैलेंटाइन डे से मिलते हैं ? जिन्हें मिलते हैं उनके साथ से न जाने कितने जीवन में खुश रहते हैं ? उन युवाओं की प्रशंसा ही की जा सकती है जो वैलेंटाइन डे को इस गंभीरता से लेते हैं। अंततः  जीवनसाथी की तलाश किसी न किसी प्रकार से सभी को करना होता है।
वैलेंटाइन के बहाने फ़्लर्ट
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इस प्रथा को कई फ़्लर्ट के उद्देश्य से फॉलो करते हैं। उन्हें कुछ समय को भले ख़ुशी मिलती हो। किन्तु उन्हें अवश्य इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि उनकी ख़ुशी की कीमत किसी या कुछ को जीवन भर के मानसिक वेदना न दे जाये ।
वैलेंटाइन पर दोनों ओर से फ़्लर्ट
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मनोरंजन के ओर भी साधन होते हैं , फ़्लर्ट से समय और जीवन दोनों बर्बाद हो सकता है। अभिभावक - शिक्षा दिलाने / सर्विस में बाहर इस लिये भेजते हैं ताकि उनके बेटी/बेटे का जीवन सुखद हो सके। फ़्लर्ट के धोखे से बर्बाद हुआ बेटे  /बेटी का जीवन स्वयं उनके लिये ही नहीं , पेरेंट्स के लिए भी दुखदायी होता है।
दुखदायी से चिंता इसलिये
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अपनी करनी से कोई दुःखी है तो इस तर्क से उदासीन हम नहीं हो सकते हैं कि 'उसने किया वह भुगते' । हम व्यवस्था पर , कानून पर और समाज में अंधविश्वासों /रूढ़ियों को इसलिये कोसते हैं , सुधारे जाने की अपेक्षा करते हैं ,ताकि हम ही नहीं दूसरे भी देश और समाज में सुखी रहें। अतः कोई गलत करते हुए अपने जीवन पर संकट आमंत्रित करता है उसे रोकना , उचित परामर्श और प्रेरणा देना , हमारा ही दायित्व होता है।
लेखक की गर्ल -फ्रेंड्स
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लेखक की दो गर्लफ्रेंड हैं , एक पत्नी और दूसरी , बताऊँ आपको ? व्यक्तिगत है , किन्तु आपको जिज्ञासा है तो बता देता हूँ। "नारी चेतना और सम्मान रक्षा" यह विचार दूसरी गर्लफ्रेंड है। नारी की वेदना दूर करना आज समाज खुशहाली का सबसे बड़ा उपाय है।
इस वैलेंटाइन पर आप बनायें गर्लफ्रेंड /बॉयफ्रेंड
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जो पुरुष हैं , -"नारी चेतना और सम्मान रक्षा" -विचार को गर्ल समझें , जो नारी हैं इस विचार को बॉय समझें - इसे लाइक कर बनायें अपना एक अतिरिक्त गर्लफ्रेंड /बॉयफ्रेंड और न्यायप्रिय बन कर प्रवाहित करें , 'अपने जीवन', और समाज में सर्वदिशा परस्पर मधुरता - विश्वास और प्रीति ।
-- राजेश जैन
12-02-2015

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