Saturday, June 9, 2018

#फ़र्ज
एहसास जो दुनिया को मोहब्बत से भर दें
अल्फाज़ उन्हें देकर हम पैग़ाम जरूर कह दें

#आरजू
साधारण वेश में भी - इंसान बेमिसाल तू इसलिए है
कि
आरजू तेरी - दुनिया को नफ़रत से निज़ात दिलाने की है

पथरीले रास्तों में - पीठ पर लिए चल सकते हैं
भरोसा अग़र करे कोई कि - हम नेक इंसान हैं

#सभ्य
ऐसे तक़दम हुआ - आज का इंसान है
एक पर दूसरे को - भरोसा नहीं होता

ऐसे मज़बूर तो नहीं करती , तू ज़िंदगी हमें कि
मुश्क़िलें हैं ज़िंदगी में - लिखने की भी इजाज़त नहीं

ये सोच कर हमने - ज़ब्त किए दर्द अपने कि
हमदर्द कोई दुःखी न हों - हमें ख़ुश समझ लिया

याद न रहती तो - ज़िंदगी में मज़ा क्या होता
मिला था कभी इक इंसान - भुला दिया होता

उन ख़्वाबों जिसमें तुम - उम्मीद चलती है
कभी हक़ीक़त होंगे - यूँ ज़िंदगी गुजरती है

जर्रे जर्रे में है - तो पत्थर में , ख़ुदा है
बेवफ़ा अल्फ़ाज़ में भी - यार , वफ़ा है











 

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