Thursday, June 14, 2018

एक तुम हो पसंद - फिर जो तुम्हें पसंद
तुम्हें वह हासिल होते देखना - हमें पसंद

हर बहाने हसरत तेरी कि - हो महबूब की दीद
फिर क्या सुबह , क्या शाम या चाहे हो ईद

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