Tuesday, May 1, 2018

निर्धन को निर्धन रहने में भय नहीं लगता है
धनवान मगर निर्धन होने से भयभीत रहता है

छिपकली का नहीं - डर तो हमारे अंदर बैठा है
 छिपकली तो बेचारी कहीं अधिक हमसे डरती है

हैरत की बात ये कि निर्धन भ्रष्टाचार कम करता है
 जो धनवान हो जाता वह भ्रष्टाचार अधिक करता है

उनको फ़िराक में देख - हमने मुश्किलें उनकी आसान यूँ की
 कि तोड़ लिया अपना ही दिल - और बीच फासले बढ़ा लिए

किसी का बुरा न चाहना अच्छी बात है किंतु इसके साथ बेहतर -
किसी की प्रेरणा बनना उसको ज़िंदगी का हौसला देना होता है



ख़ामोश रहने वाले अक्सर बुध्दिमान हुआ करते हैं
 रोज होते क़त्लेआम रोकने के उपाय किया करते हैं

यदि हम धनवान हो रहे हैं तो एक बात तय है
कि हम निर्धन जी सकने की हिम्मत खो रहे हैं

निर्धन के कपड़े आकर्षक न हों - चेहरा जल्द आकर्षण खो सकता है
पास आकर्षक गैजेट्स न हों - तब भी उनका मन सुंदर हो सकता है

अच्छा है आप चर्चित-प्रतिष्ठित व्यक्ति नहीं हैं
अन्यथा-बहुतों को आपसे हित प्रभावित होते लगने लगेंगे
जिससे आपके कई दुश्मन हो जायेंगे

सारी चीजें हमारी इक्छा अनुसार घटित नहीं होगीं
हमें इससे निराश होने की जरूरत नहीं - अगर इरादे नेक हैं तो निरंतर कदम आगे बढ़ाने होंगे

मेरा देश बदल रहा है??
हाँ -
दिनोंदिन नैतिकता खो रहा है

किसी गाड़ी को किसी पथ पर चलाना कठिन नहीं
कठिन मन को सही पथ पर बनाये रखना होता है

जरा जरा से भड़कावों में भड़क कर आज
हमारा मन मानवता पथ से भटक रहा है

मज़हब निभाने के हमारे ढंग - अब गहन समीक्षा माँगते हैं क्यूँकि
मज़हब के ख़ुशहाली के संदेशों का प्रयोग - हम नफ़रत प्रसारण के लिए करते हैं









 







 

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