Wednesday, May 23, 2018

दर्द दो होते हैं
एक अपना होता है - एक उसका होता है
उसका उसे पता - हमें अपना पता होता है

हमदर्द मिला करते थे कभी - हमारे दर्द उनके होते थे
हताशा दूर करके वे - ज़िंदगी जीने का हौसला देते थे

हम होते तन्हा अब - अपने सारे दर्द के साथ
जब निकलता है चाँद - निहारा उसे करते हैं

अपने अपने दर्द के साथ - ख़ुद ही जीना होता है
इन नए रिवाजों का नाम - उन्नत सभ्यता होता है

पहले की हसीं दुनिया देखी थी - हम पुनर्जन्म ले आये थे
निष्ठुर अब की दुनिया में - हम लौट कभी फिर ना आएंगे

ये दुनिया मुबारक़ उसको - नफ़रत दिल में रख जी लेता है
हमें तो थी 'ख्वाहिश ए मोहब्बत' - दुनिया से नदारद वो है

उस शख्स के क्या कहने - जो वर्तमान को जी लेता है
ज़माना तो अतीत याद कर के - यहाँ रोता मिलता है


ज़िंदगी भी ऐसी विचित्र होती है कि जिस तरह भी जी लो
सोचती है यार ऐसे नहीं वैसे - जी कर बितानी चाहिए थी

सच पर तो चलें मगर - राह की पहचान कठिन है
कि
कोई कहता यह सच है - कोई कहता वह सच है

क्या उचित , अपनों पर निर्भरता से शिकायत - कि हर्ट अपने ही करते हैं
खुले दिमाग़-आँख से यह सोचें-देखें कि - अपने ही बहुत किया करते हैं

हमारा परंपरागत "मैं" तो स्वयं को सबसे ज्ञानवान जानता है
और इसलिए अपने हर किये को ही "सबमें सच्चा" मानता है

जिसमें ख़ुश तुम - वह तुम जरूर करना
 हमारी ख़ुशी - तुम्हें ज़िंदगी में ख़ुश देखना

बढ़ती जाए उम्र - तो जिम्मेदारी बढ़ा लो
ख़ुशी बाँटते हुए - ज़िंदगी को निभा लो








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