हमें बहुत अच्छा सा लिखा वह लगता है - जैसा हम लिखना सोचते हैं
हमें बहुत अच्छा सा पढ़ने नहीं मिलता - क्यूँकि वह हमारा विचार नहीं होता
यह इश्क़ हुआ था कभी इसलिए
इस ज़िंदगी से हमें कोई मलाल न रहा
हमें बहुत अच्छा सा लिखा वह लगता है - जैसा हम लिखना सोचते हैं
हमें बहुत अच्छा सा पढ़ने नहीं मिलता - क्यूँकि वह हमारा विचार नहीं होता
इतिहास से निकाल वह बातें क्यों लाते हो
जो नफ़रत की खाई बढ़ाती हैं
वह भी तो है इतिहास में दर्ज जिससे
इंसान भाईचारे से रहते रहते हैं
जानते कि जीवन में मज़ा , प्रेम से रहने में है मगर
सारे कार्य - नफ़रत , टकराव बढ़ाने के करते हैं हम
सच बोलने जीने वाला कभी अकेला नहीं , उसके साथ हमेशा सच होता है
विचार कीजिये - सच ही सिध्दांत है जो रहती कायनात तक कायम रहेगा
जानते कि आप हितैषी हमारे हैं - आपकी मर्ज़ी पे चलना हमें है मगर
इससेज़िंदगी वैसी रहेगी हमारी - जिसमें दकियानूसी ख़्यालात होंगे बहुत
नज़रें मिलें और हमें इश्क़ चाहे ना हो
मगर रंजिश से तुम हमें देखा ना करो
इश्क़ , इश्क़ है - शिकायतों की जगह नहीं जिसमें
ग़र ज़ेहन में शिकायतें तो - कुछ और है इश्क़ नहीं
हमें बहुत अच्छा सा पढ़ने नहीं मिलता - क्यूँकि वह हमारा विचार नहीं होता
यह इश्क़ हुआ था कभी इसलिए
इस ज़िंदगी से हमें कोई मलाल न रहा
हमें बहुत अच्छा सा लिखा वह लगता है - जैसा हम लिखना सोचते हैं
हमें बहुत अच्छा सा पढ़ने नहीं मिलता - क्यूँकि वह हमारा विचार नहीं होता
इतिहास से निकाल वह बातें क्यों लाते हो
जो नफ़रत की खाई बढ़ाती हैं
वह भी तो है इतिहास में दर्ज जिससे
इंसान भाईचारे से रहते रहते हैं
जानते कि जीवन में मज़ा , प्रेम से रहने में है मगर
सारे कार्य - नफ़रत , टकराव बढ़ाने के करते हैं हम
सच बोलने जीने वाला कभी अकेला नहीं , उसके साथ हमेशा सच होता है
विचार कीजिये - सच ही सिध्दांत है जो रहती कायनात तक कायम रहेगा
जानते कि आप हितैषी हमारे हैं - आपकी मर्ज़ी पे चलना हमें है मगर
इससेज़िंदगी वैसी रहेगी हमारी - जिसमें दकियानूसी ख़्यालात होंगे बहुत
नज़रें मिलें और हमें इश्क़ चाहे ना हो
मगर रंजिश से तुम हमें देखा ना करो
इश्क़ , इश्क़ है - शिकायतों की जगह नहीं जिसमें
ग़र ज़ेहन में शिकायतें तो - कुछ और है इश्क़ नहीं
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