Monday, May 7, 2018

दिल हमारा आज भी वही , बदला नहीं है
वक़्त के निशां कुछ , जरूर पड़े हैं इस पर

असलियत आज भी हमारी वही है प्रिय
जो वक़्त बदलने से पहले तुम जानते थे

जी जान से मोहब्बत तुमसे की है हमने
तुम ना चाहोगे ये इज़हार न करेंगें कभी

तुम कैसे अब नफ़रत कर सकोगे हमसे
जी जान से मोहब्बत तुमने की है हमसे

यह ज़िंदगी है मौसम_ए_इश्क - हम मिलें इस तरह
सदियों को हमारी दास्तां - याद रहे मिसाल की तरह

दगाबाजों की भीड़ थी - दग़ा हम पे भी हुआ
मगर हम ख़ुश कि वहाँ - हम उनसे अलग थे

मोहब्बत बक़वास है उनके लिए
जो आस करते हैं अपने लिए

सितमगर भी - सितम करना भूल जाता
ग़र मोहब्बत करना ही - हमें आ जाता

ख़ुदगर्ज नहीं कि वास्ता - हम इश्क में अपने लिए रखें
दुआ , ये बनो तुम मिसाल - कि तुम्हें याद सदियाँ रखें









 

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