Friday, May 25, 2018

जब औरों की ख़ुशी को तरज़ीह देने लगते हैं
तब हम ज़िंदगी का मतलब समझने लगते हैं

कर दिखाने के लिए बहाने का इंतजार ठीक नहीं
कर दिखा बेमिसाल सा कि तुझे ज़िंदगी मिली है

हसरतों की भागदौड़ में भूलता ख़ुद को है
तू ज़िंदगी का मक़सद सोचता मौत पर है

ऐसी ही आँखों ने - देखे हैं दुनिया की ख़ुशहाली के सपने
जिनसे सिर्फ़ अपनी ख़ुशी के सपने देख - हम नहीं थकते

लिखे क़लम ऐसा कि  - ज़िंदगी फूल बन जाये
पढ़ने वालों को - अल्फ़ाज़ों में ख़ुश्बू मिल जाये






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