Wednesday, August 26, 2015

नारी में ऐसी आसक्ति

नारी में ऐसी आसक्ति
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राजनैतिक नफा नुकसान के दृष्टिगत नारी का तमाशा बनता है
फ़िल्मी सेट में व्यावसायिक लाभ के लिए ही नारी तन सजता है
पुरुष धूर्तता एवं कृतघ्नता कहें इसे कूटनीतिक लाभ दृष्टि हो या
प्रतिष्ठनों प्रति आकर्षण बढ़ाना ,फ्रंटपेज में नारी रूप ही लगता है

गृह हिंसा से ,देश में नारी नित होती है हलाकान
बलात्कार की घटनायें सुन वह रहती है भयाक्रांत
छेड़छाड़ ,बदनीयत दृष्टि का सामना नियति हुई
माँ-बेटी ,बहन ,पुरुष की ,तब भी उनसे है परेशान

देश में इतनी पुरुष संख्या , विश्व में सर्वाधिक युवा शक्ति
न लगती समाज समस्या मिटाने , नारी में ऐसी आसक्ति
नारी के बेटे , भारत माँ के सपूत राष्ट्र सृजन में लग जायेंगे
नारी को कर सुखी , उस दिन नया भारतीय समाज बनायेंगे
--राजेश जैन
27-08-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

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