Wednesday, August 12, 2015

नवयौवना

नवयौवना
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नवयौवना , रानी रंग की ओढ़ चुनरी ,सौम्य छवि में
उसे ,अपरिचित की प्रशंसात्मक दृष्टि भली लगती है

भाई का यह कहना हजारों में एक है ,मेरी बहना
पापा का ख़ुशी में बोलना मेरे घर की तुम हो गहना
पति प्यार से कहें , प्रिया तुम सदा ऐसी ही सजना
अपने रूप की पुष्टि में ये सब उसे अच्छी लगती हैं

नवयौवनायें नित निखार सौंदर्य ऐसे ही अपना  
समाज में ऐसे शिष्टाचार की अपेक्षा रखती हैं
लेकिन सीमाओं से परे होता पुरुष व्यवहार ,नारी प्रति
बहन ,बेटी ,पत्नी किसी की ,को मनोवेदना दिया करती है
--राजेश जैन
13-08-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

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