Friday, August 21, 2015

क्या छिछोरापन तुम भी करते हो ?

क्या छिछोरापन तुम भी करते हो ?
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पापा ,भाई ,पति ,बेटे मेरे मेरी चरित्र बुनियाद रचते हैं
हर जगह घूरती आँखे ,छींटाकशी करते पुरुष मिलते हैं
सावधान रह ,तुम ,मैं मिल बनाती गरिमा चरित्र अपना
भूल बेटी ,बहन की मर्यादायें ,मस्ती में खोखला करते हैं

माँ ,बहन ,पत्नी ,बेटी हम हैं ,तुम पर ममता रखती हैं
स्वर्ग ना तुम्हारा जीवन देख ,ह्रदय में करुणा रखती हैं
अपने त्याग का ,अपने प्यार का प्रतिफल न चाहती हैं
अपने जीवन विकटता प्रति ,तुम्हारा ध्यान चाहती हैं

पापा ने ,जीवनपथ बताया ,वीर ,रक्षा सूत्र तमने बँधाया
पति से हार्दिक प्रेम पाया ,पुत्र ने उच्च सिहांसन बिठाया
लाज रक्षा कठिन तब भी ,सम्मान बाहर न मिला हमें है
मै दुखी ,पूछती अब ,क्या छिछोरापन तुम भी करते हो ?
--राजेश जैन
22-08-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

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