Tuesday, August 11, 2015

चुनौती समक्ष है उठाने की

चुनौती समक्ष है उठाने की
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धन से आकर्षित करने की
धन पर आकर्षित होने की
यह कु-रीत बदल देने की 
चुनौती समक्ष है उठाने की

रूप पर ललचाते रहने की
रूप पीछे मुग्ध घूमने की
अपनी कमजोरी मिटाने की
चुनौती समक्ष है उठाने की

बल से नारी पर छल करने की
बल से नारी पर वश करने की
आदिम परंपरा बदलने की
चुनौती समक्ष है उठाने की

हम समझें धन ,रूप एवं बल के
युक्ति-युक्त होने पर ही हमारा
समाज सुखद और अच्छा होगा
देश ,तभी सँस्कार समृध्द होगा
--राजेश जैन
12-08-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

 

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