Sunday, August 2, 2015

फ्रेंडशिप डे -पश्चात

फ्रेंडशिप डे -पश्चात
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रूप-सौंदर्य पर मुग्ध हो बनते ,क्या अच्छे मित्र हो सकते हैं
धन-वैभव से प्रभावित हो बनते ,क्या सच्चे मित्र हो सकते हैं
निजहित भूल सहयोग करते ,कठिनाइयों में साथ खड़े होते
न भुलाना ,न खोना इन्हे ,ये सही अर्थों में मित्र हो सकते हैं

रूप चला जाता समय जाने पर ,वैभव भी न काम आ पाता है
जीवन में वह समय भी आता ,अनुकूल कुछ नहीं रह जाता है
मानसिक सहारा बन ,वैचारिक मित्र जोड़ा जीवन में यदि
जीवन के प्रतिकूल समय में ,ऐसा मित्र ,सहारा बन आता है
--राजेश जैन
03-08-2015
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