आज जोड़ने के हर उपाय - हमें तोड़ते हैं
क्यूँकि उसमें निज स्वार्थ - हम जोड़ते हैं
आज के दौर में हर तरफ मची खींचातानी है
अवरुध्द भव्य संस्कृति की करुण कहानी है
हर कोई देश से अपने लिए - आज लाभ लेने को उत्सुक
देश को कुछ अपना दिए बिना - कोई देश बनता नहीं है
सभी आज अपनी सत्ता के लिए- मत लोभी एक साथ बैठ नीति न बनाएंगे
जिन को मतदाता देगा सत्ता- लूट में लगेंगे समाज सौहार्द्र ला न पाएंगे
क्यूँकि उसमें निज स्वार्थ - हम जोड़ते हैं
आज के दौर में हर तरफ मची खींचातानी है
अवरुध्द भव्य संस्कृति की करुण कहानी है
हर कोई देश से अपने लिए - आज लाभ लेने को उत्सुक
देश को कुछ अपना दिए बिना - कोई देश बनता नहीं है
सभी आज अपनी सत्ता के लिए- मत लोभी एक साथ बैठ नीति न बनाएंगे
जिन को मतदाता देगा सत्ता- लूट में लगेंगे समाज सौहार्द्र ला न पाएंगे
No comments:
Post a Comment