Thursday, September 6, 2018

आज जोड़ने के हर उपाय - हमें तोड़ते हैं
क्यूँकि उसमें निज स्वार्थ - हम जोड़ते हैं

आज के दौर में हर तरफ मची खींचातानी है
अवरुध्द भव्य संस्कृति की करुण कहानी है

हर कोई देश से अपने लिए - आज लाभ लेने को उत्सुक
देश को कुछ अपना दिए बिना - कोई देश बनता नहीं है

सभी आज अपनी सत्ता के लिए- मत लोभी एक साथ बैठ नीति न बनाएंगे
जिन को मतदाता देगा सत्ता- लूट में लगेंगे समाज सौहार्द्र ला न पाएंगे




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