Wednesday, September 19, 2018

किसको क्या हासिल ?

किसको क्या हासिल ?

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दीपिका की टीम ने राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता जीती थी। पुरस्कार कप्तान होने के नाते उसने लिया था , राज्यमंत्री चंद्रमोहन जी के हाथों। चंद्रमोहन जी ने कंधे पर हाथ रखकर कुछ ज्यादा ही दबाव से उसे भींचा था। बाद हाथ मिलाते हुए उसके हाथों को दबाया था , त्वरित शरारती उत्तर में दीपिका ने भी उनके हाथ में नाख़ून चुभोये थे , मुहँ पर मुस्कराहट के साथ। दीपिका 25 वर्ष की थी , गरीबी में बचपन बिताया था। धन के प्रति ज्यादा ही आसक्ति उसके स्वभाव में थी। चंद्रमोहन जी 62 वर्ष के थे , तीन वर्ष पहले पत्नी स्वर्गवासी हो चुकीं थीं। धन बेहिसाब था उनके पास। उम्र हो गई थी , यौवन क्षीण हो चुका था पर वासना अतृप्त रही थी। चंद्रमोहन जी ने उसी दिन रात में दीपिका को फोन किया परिचय दिया और बातें की और गोपनीय तरह से दूसरे दिन मिलने का स्थान और समय तय कर लिया। 

दूसरे दिन मिलने पर चंद्रमोहन जी ने दीपिका के समक्ष विवाह प्रस्ताव रख दिया। दीपिका को ऐसी आशा कतई नहीं थी। उसने इस मुलाकात से यह उम्मीद बस लगाई थी कि राज्य मंत्री जी शारीरिक लिबर्टी लेंगें , बदले में वह अपनी उन्नति के लिए उनका फेवर हासिल करेगी।  अप्रत्याशित इस पेशकश पर दीपिका ने तनिक गौर किया , फिर सीधे सौदेबाजी पर आ गई। पूछा - इससे मुझे हासिल क्या होगा? एक युवती को जो चाहिए , आप वैसा सुख दे नहीं सकेंगे. विवाह के बाद जीवन भर का साथ कब टूट जाएगा भरोसा नहीं . मुझे बहुत जीना है , आप बहुत जी चुके हो . चंद्रमोहन ने जबाब दिया , मेरी बेशुमार दौलत में से  शादी के बाद तुरंत एक कोठी तुम्हारे नाम होगी। तुम इस शादी से इतनी चर्चा में आओगी कि जीवन भर , ऐशो आराम के साधन इकट्ठे करने में सुविधा होगी। हाँ , अवश्य वासना पूर्ति के नज़रिये से मैं उतना सक्षम नहीं किंतु मेरे में अतृप्त रही वासना है , जिसके उपाय करने से बहुत हद तक तुम भी संतुष्ट रहोगी।अभी तुम दस वर्षों की ही सोचो। बाद में तुम्हारे पास बहुत सारे सुविधाजनक विकल्प होंगें। मैं यौन सुख का भूखा हूँ , तुम दौलत की भूखी हो। तुम्हें मुझसे दौलत और मुझे तुमसे यौन सुख का हासिल होना , क्या पर्याप्त न होगा ? बात पूरी करते हुए चंद्रमोहन ने उल्टा प्रश्न कर दिया। तब दीपिका विचार मुद्रा में दिखाई पड़ी। 

जल्द ही उनकी शादी हो गई , चंद्रमोहन ने अपने कहे अनुसार लगभग चार करोड़ की एक कोठी , दीपिका के नाम रेजिस्टर्ड करवा दी। उनकी शादी न्यूज़ चैनल - अखबारों में सनसनीखेज चर्चा में शुमार हुई। सबकी आलोचनात्मक दृष्टि के बावजूद , जैसा चंद्रमोहन ने दीपिका से कहा था , दीपिका शीघ्र ही आम से खास चर्चित पर्सनालिटी बन गई।
इस सबमें समय के समक्ष , यक्ष प्रश्न उत्पन्न हो गया। चंद्रमोहन जैसा जिस देश में मंत्री /राजनीतिज्ञ हो जिसे जनता की नहीं अपने काम सुख की पड़ी हो।  देश के न्यूज़ चैनल - पत्रकार , दीपिका जैसे चरित्र को चर्चा में ले आते हों , और ऐसी देश की जनता हो जो दीपिका जैसी को सेलिब्रिटी बना देती हो , और सेलिब्रिटी के लाखों करोड़ों फेन बनने का आज का चलन हो। उस देश की संस्कृति - सभ्यता क्या विनाश की ओर अग्रसर नहीं ? समय ही इसका उत्तर दे सकेगा ......

--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन 

19-09-2018





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