Friday, September 7, 2018

हमें तिल तिल मारा तुमने - आभार है तुम्हारा
झटके में मारते - मरना क्या है पता नहीं चलता

झूठ मेरे सब - तुम्हें हासिल करने की तरकीबी थीं
मिल गए तुम - अब झूठा नहीं सच्चा मुझे बनना है

मुड़ के देख लेते इक बार - मोहब्बत मैं लिखता
तुम
सीधे चले गए - अब रुसवाईयाँ हैं मेरे लिखने को

मालूम रखा कि हमेशा यूँ खूबसूरत न रहेंगे
इक दिन आयेगा हमें - मिट्टी होना ही होगा

किसी को यूँ कंधा देने के पीछे - मकसद यही होता है
जब मर जायें हम - कोई हमें भी यूँही मिट्टी में मिला दे

नेकी अगर की तो हमें उससे - अपेक्षा क्यूँ हैं
नेकी करना अगर किस्मत तो - राहें बहुत हैं






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