Thursday, September 27, 2018

इश्क़ और ख़ुदा समान हैं यारों
जितना भी दे दें कमी लगती है

बेजुबां नहीं है मोहब्बत मेरी
कान हैं मेरे उसकी सब सुनता हूँ

उसके रुखसार पर तिल - तिनका साबित हुआ
दिल को आया चैन - ज़िंदगी () डूबने से बच गई
(अवसाद में)

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