Friday, September 28, 2018

मौत आई तो वजह बस बहाना था
सच तो यह कि सब छोड़ जाना था

यूँ तो
ज़िंदगी तो कुछ भी न होने से चलती देखी है
मगर
कुछ के न होने से ज़िंदगी सी लगती नहीं है

न चाहो भी ज़िंदगी का खेल तो चलना है फिर क्यूँ न हम इसमें मजा लेना सीख लें

कह के कि 'अच्छा हम कहते हैं' - यह शौक पूरा कर लें हर दौर में मगर - आगे बढ़ के कहने वाले हुआ करते हैं

ज़िंदगी , क्यूँ मासूम मैं - तुझसे शिकायत किया करता हूँ तेरी मर्जी है , जो देना - तू वही बस तो मुझे दिया करती है

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