ग़म ना करो कि रिश्ता - आसमां की ऊँचाई ना छू सका
हमारी तो पुरजोर कोशिश रही - इसे बेमिसाल बनाने की
अप्रिय प्रसंग को भुला देना ही - बेहतर होता है
जिंदगी का मजा - प्रिय को याद रखने में होता है
हमारी तो पुरजोर कोशिश रही - इसे बेमिसाल बनाने की
अप्रिय प्रसंग को भुला देना ही - बेहतर होता है
जिंदगी का मजा - प्रिय को याद रखने में होता है
No comments:
Post a Comment