Sunday, September 16, 2018

ग़म ना करो कि रिश्ता - आसमां की ऊँचाई ना छू सका
हमारी तो पुरजोर कोशिश रही - इसे बेमिसाल बनाने की

अप्रिय प्रसंग को भुला देना ही - बेहतर होता है
जिंदगी का मजा - प्रिय को याद रखने में होता है

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