नारी को आदर
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सम्मान , अपनी माँ ,बहन , बेटियों का जिसमें जानते हैं
जिन गुणों का होना अपनी पत्नी में होना जरूरी मानते हैं
पीछे पड़ दूसरों की पत्नी ,बेटी को , गर्लफ्रेंड बना छलते हैं
उनमें उन गुणों को मिटाते ,अपनी भूल क्यों ना मानते हैं
अवैध संबंध की होड़ लगाकर ,प्रचलन ऐसा ख़राब लाकर
माँ ,पत्नी ,बहन ,बेटी में , रख पाएंगे नहीं गुण बचा कर
बुरे चलनों में वे दुष्प्रभावित होंगी ,नारी गरिमा खो देंगी
चंचल चित ,ऊब ,साथ बदलना ,नारी चुनौतियाँ बढ़ा देंगी
निभाने ,त्याग करने ,सम्मान करने को प्यार न जानेंगे
कामुकता के वशीभूत ,वासना को प्यार अगर मान लेंगे
काम वासना के सागर में ,मानव समाज को डुबा कर के
माँ ,बहन ,बेटी पत्नी से बनता परिवार विलुप्त कर देंगे
मानव सभ्यता की ,हासिल उच्च मंजिल से गिर जायेंगे
आज नहीं चेत पाये तो , मनुष्य जानवर जैसे हो जायेंगे
धर्म ,भाषा ,राष्ट्र ,संकीर्ण मनसिकता से ऊपर उठना होगा
मानवता निभा ,सभी नारी को आदर एवं सुरक्षा देना होगा
--राजेश जैन
07-10-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman
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सम्मान , अपनी माँ ,बहन , बेटियों का जिसमें जानते हैं
जिन गुणों का होना अपनी पत्नी में होना जरूरी मानते हैं
पीछे पड़ दूसरों की पत्नी ,बेटी को , गर्लफ्रेंड बना छलते हैं
उनमें उन गुणों को मिटाते ,अपनी भूल क्यों ना मानते हैं
अवैध संबंध की होड़ लगाकर ,प्रचलन ऐसा ख़राब लाकर
माँ ,पत्नी ,बहन ,बेटी में , रख पाएंगे नहीं गुण बचा कर
बुरे चलनों में वे दुष्प्रभावित होंगी ,नारी गरिमा खो देंगी
चंचल चित ,ऊब ,साथ बदलना ,नारी चुनौतियाँ बढ़ा देंगी
निभाने ,त्याग करने ,सम्मान करने को प्यार न जानेंगे
कामुकता के वशीभूत ,वासना को प्यार अगर मान लेंगे
काम वासना के सागर में ,मानव समाज को डुबा कर के
माँ ,बहन ,बेटी पत्नी से बनता परिवार विलुप्त कर देंगे
मानव सभ्यता की ,हासिल उच्च मंजिल से गिर जायेंगे
आज नहीं चेत पाये तो , मनुष्य जानवर जैसे हो जायेंगे
धर्म ,भाषा ,राष्ट्र ,संकीर्ण मनसिकता से ऊपर उठना होगा
मानवता निभा ,सभी नारी को आदर एवं सुरक्षा देना होगा
--राजेश जैन
07-10-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman
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