Monday, October 19, 2015

प्रेरणा

प्रेरणा
--------
लक्ष्य रख हम किसी के पीछे भागते हैं
संभव कभी उसका साथ पा सकते हैं
पाकर लक्ष्य , कोई वैभव में खोता है
प्रिया के साथ प्यार में ,कोई खोता है

कोई मान-प्रतिष्ठा ,दर्प में डूबा होता है
कोई ज्ञान अपना ,बेचता फिरता है
कोई एक साथ कई उपलब्धि पाता है
फिर कभी ,पाया ,खोता चला जाता है

स्व-विवेक से सदाचार में जो जीता है
अनायास मिलते जाते में सुख ले लेता है
स्पर्ध्दा में अपनी जीत में प्रसन्न होता है
योग्य ,दूसरे की जीत में ख़ुश में हो लेता है 

पाया-खोया सब जीवन पीछे ,किस्से हैं
प्रेरणा दे गया तो जीवन सार्थक हिस्से हैं 
--राजेश जैन
19-10-2015
https://www.facebook.com/PreranaManavataHit

No comments:

Post a Comment